विशाखापट्टनम :- STYRENE गैस कितनी ख़तरनाक ?/ STYRENE gas kitni khtrnak ?

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LG private limited

विशाखापट्टनम  STYRENE ( स्टाइरीन ) गैस कितनी ख़तरनाक ?

दरअसल आँध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम के वेंकटपुर गांव में LG POLYMER PRIVATE LIMITED FACTORY में 7 may 2020  लगभग रात 2:30 बजे को एक जहरीली गैस का रिसाव हुआ जिसे विजाग गैस रिसाव  कहा जाता है। इस दुर्घटना में STYRENE नामक  यौगिक वाष्पिकीरत होकर रिस गया और हवा में मिलते हुए आसपास के गांव में फैल गया। 
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 इस खबर ने एक बार फिर लोगो को भोपाल गैस त्रिरासदी की याद दिला दी .किस तरह मिथाइल आइसो साइनाइट ने भोपाल की उस काली रात में कहर ढाया था .आज भी लोग उस गैस के तांडव से उभर नहीं पाए  और आज भी लोग उस मंजर को याद करके रो देते है . कैसे इस जहरीली गैस ने एक ही रात में अपनों से अपने प्रियजनों को  दूर कर  दिया था.

क्या होती है STYRENE (स्टाइरीन ) गैस  /kya hoti hai STYRENE gas
दरअसल यह एक कार्बनिक यौगिक  है जिसका रासायनिक सूत्र C6H5CH=CH2  इसे एथिनाइलबेंजीन (ethenylbenzene)  ,  विनाइलबेंजीन (vinylbenzene) और फेनिलैथेन (phenylethene) भी कहते हैं। इसका कोई रंग न होता यह हल्का पीला ज्वलनशील लिक्विड होता है।  इसकी गंध मीठी होती है। इसे स्टाइरोल और विनाइल बेंजीन भी कहते है।  बेंजीन और एथलीन के जरिये इसका उपयोग उधोग में बड़े पैमाने पर किया जाता है। STYRNE  का उपयोग Plastic और Rabar बनाने में होता है 


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LG POLYMER PRIVATE LIMITED COMPANY 


LG POLYMER PRIVATE LIMITED COMPANY की Website के अनुसार इस FACTORY में इसका उपयोग Polystrene Product पंखा की ब्लेड्स ,कप्स ,खाना रखने के वर्तन ,चाकू ,जूते ,खिलौने ,ऑटोमोबाइल पार्ट्स ,पैकिंग मटेरिल   इत्यादि को बनाने में किया जाता था। 

आखिर क्या हुआ 07 may 2020 विशाखापट्टनम में 

विशाखापट्टनम GVMC मुसिपल कमशीनर के अनुसार करीब रात 2 :30 इस जहरीली गैस का रिसाव हुआ यह वह  समय था जब सभी अपने -अपने घरो में सोये हुए थे। यह गैस साँस के जरिये इन लोगो के अंदर गयी कुछ ही समय में इसने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। 

गहरी नींद  में थे लोग ,जब 5000 टन  के दो टैंक से जहरीली गैस लीक हुई। 

LG POLYMER INDUSTRY में गैस लीक होने के बाद बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए है बताया गया की 5000 टन  के दो टैंको  से यह गैस  हुई। यह कंपनी मार्च से COVID-19 के lockdown के चलते बंद थी। चिमनी के जरिये इसका रिसाव हुआ और  टैंको  की गर्मी बढ़ना इसका  अनुमान लगाया जा रहा है    

POLICE COMMISSIONER  R.K. meena  के मुताबिक यह गैस लगभग 3 KM के एरिया में तेजी से फ़ैली लगभग 5000 लोग इसकी चपटे में बताये जा रहे है वही पुलिस ने फ़ौरन एक्शन लेते हुए आसपास के गांव को खाली करा दिया है ऐसा बताया गया की 3 लोगो की प्लांट के पास और 8  लोगो की मौत किंग जॉर्ज हॉस्पिटल में हुई। इसके  रिसाव की वजह की अभी तक पुष्टि नहीं की जा सकी  

STYRENE GAS के लक्षण 


  • स्टाइरीन  हाइड्रोकार्बन                  
  • उपयोग  प्लास्टिक , पेंट  ,टायर।   इत्यादी                                                                                        
  • सूँघने  या निगलने  पर सेंट्रल नर्वस  सिस्टम पर असर                                                                          
  • संपर्क में  आने वाले को  साँस लेने में  दिक्कत और आंखो में जलन                                                    
  • सिरदर्द , कमजोरी शिकायत , फेफड़े पर बुरा असर                                                                 
  • कैंसर की वजह  बन सकती है  एक्सपर्ट के अनुसार 


एनडीएमए ने कहा कि इस जहरीली गैस के कारण फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं. फिलहाल, पांच गांव खाली करा दिए गए हैं. इस बीच सीएम जगन मोहन रेड्डी खुद विशाखापट्टनम पहुंच गए हैं. इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. 300 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं. इनमें से 80 लोगों को वेंटिलेटर पर रखा गया है

रेड्डी ने किंग जॉर्ज हॉस्पिटल में एडमिट पीड़ितों  से मुलाकात की इस दौरान उन्होंने मुआवजे का ऐलान  किया। हादसे के कारण  जान गवाने वालो के परिजनों को १-१ करोड़ का मुआवजा दिया जएगा। इसके साथ ही  पीड़तों को 10 -10 लाख रुपये और जो डिस्चार्ज हो चुके उन्हें १-१ लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान  की जाएगी 
सरकार  ने वताया के कंपनी पर कार्यवही के आदेश दिए जा चुके है लेकिन अभी तक कंपनी के कार्यकर्ताओ को कोई प्रकिर्या सामने नहीं आइ जो उस रात वह मौजूद थे। 
प्रधानमंत्री जी ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए कहा की – MHA   और  NDMA के अधिकारियो से बात हुई  जो इस दुर्घटना पर नज़र बनाये हुए है। मै  विशाखपट्टनम में सभी के  सुरक्षित रहने और जल्द ठीक होने की कामना  हूँ

यह केमिकल प्लाटं LG POLYMER PRIVATE LIMITED COMPANY का है। 1961 में बना यह प्लांट हिंदुस्तान पॉलीमर का था।   जिसका 1997 में दक्षिण कोरिआई कंपनी ने अधिग्र्रहण कर लिया गया था। 

[The information mentioned above has been taken from PHE central for radiation of UK and environment protection agency of USA , in the cognizance of circumstances ,it can be revamped]


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