हाँ ,आखिर खून का रंग लाल क्यों होता है। टमाटर खाते है इसलिए ,ऐसा कुछ भी नहीं है।
चलिए मान लिया जाए हमारे खून का रंग लाल होता है तो होता है। फिर हमारी नसों में यह नीले रंग का क्यू दिखायी देता है और नसों से बाहर निकलने पर लाल क्यों हो जाता है।
कुछ चीज़े ऐसी होती है जो हमारी लाइफ में होती तो है और हम उनके बारे में जानना भी चाहते है। लेकिन सही source नहीं मिलने के कारण हमें उसका पूरा ज्ञान मिलता ही नहीं और अगर कही मिल भी जाए तो समझ न आता।
जब मैं 10th में था तो मेरे दिमाग में question आया यार ये blood बनता कैसे है और इसका रंग आखिर लाल ही क्यू होता है। बड़े ही उत्साह से मैंने मैडम से पूछा – मैडम ये खून बनता कैसे है और इसका रंग लाल ही क्यू होता है , उन्होंने कहा बेटा हीमोग्लोबिन के कारण ये लाल होता है और रक्त कणिकाओं और प्लाज्मा के मिश्रण से यह बनता है।
बस वही से यह सिर के ऊपर से चला गया साइंस की भाषा कहाँ समझ आती है जनाब !फिर इसके बारे में research करने की मेरी इच्छा ही खत्म हो गयी ,हीमोग्लोबिन ,प्लाज्मा ,रक्त कणिकाएं क्या बकवास सी चीज़ है।
हाँ , जी जो मेरे साथ हुआ कहीं वो आपके साथ भी तो नहीं ,अगर आपको भी यह आज तक समझ नहीं आया तो आज हम इसे बहुत ही सरल भाषा में समझेंगे आखिर इंसानी खून लाल क्यू होता है और कैसे बनता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे विज्ञान ने अब तक बहुत तरक्की कर ली है लेकिन विज्ञान आजतक इंसानी खून नहीं बना पाया है जब भी हमे खून जरूरत पड़ती है हमे किसी और से लेना ही पड़ता है।
खून के बारे में समझने से पहले हमें ये समझना पड़ेगा की कोई भी चीज़ किसी भी रंग में दिखती क्यू है। मतलब अपने शर्ट पहनी है और वो पीले रंग की है तो वो आपको पीले रंग की ही नज़र क्यू आ रही है। मेरे पेन का रंग नीला है तो वो मुझे नीला ही क्यू दिखाई दे रहा है ,नीला है इसलिए जी नहीं , technically समझिये।
जब अँधेरा होता है। तब हमें कोई भी चीज़ दिखाई क्यों नहीं देती, जैसे ही हम रोशनी का source जिस भी वस्तु की तरफ करते है वह हमें दिखाई देने लगती है इसका मतलव किसी वास्तु पर जब भी प्रकाश पड़ता है और वह पलटकर हमारी आँखों की तरफ आता , हमे वह वस्तु उतनी ही दिखाई देती है जितना की प्रकाश उस वस्तु से पलटकर हमारी तरफ आ रहा है।
इसी तरह जब भी कोई श्वेत प्रकाश की सात [प्रिज़्म वाली ] रंगो वाली किरण किसी वस्तु पर पड़ती है वह वस्तु कौनसे रंग का प्रकाश वापिस कर रही है यह वस्तु के ऊपर निर्भर करता है। वह जिस रंग का प्रकाश वापिस करती है वस्तु हमे उसी रंग की दिखाई देती है। वाकी के रंग उस वस्तु द्वारा अवशोषित कर लिए जाते है |
ऐसा ही हमारे खून के साथ होता है हीमोग्लोविन नीले और हरे रंग को सोख लेता है एवं लाल और नारंगी रंग को वापिस करता है जिससे हमें blood लाल दिखाई देता है।
हमारी नसों में ऐसा नहीं होता है। उसका कारण यह है की नीले रंग के तुलना में लाल रंग टिस्सु का कम भेदन करता है। इसलिए जब हम अपनी नसों की और देखते है तो वंहा से नीला रंंग का प्रकाश वापिस होता है। इसलिए हमे अपनी नसों में उपलब्ध खून नीला दिखाई देता है।
आखिर क्या होता है हीमोग्लोविन /kya hota hai hemoglobin
दरअसल ,हीमोग्लोविन लोहा और प्रोटीन से मिलकर बनता है। हाँ जी हमारे शरीर में कुछ मात्रा लोहे की भी लगभग 20 % होती है। इससे अधिक होने पर होमोक्रेमिक रोग के लक्षण पनपने लगते है। हीमोग्लोबिन में लाल रंग के घटक होते है। जिन्हे हीम कहते है। हीम का काम होता है खून के साथ ऑक्सीजन को लाना और ले जाना।
खून तीन प्रकार का होता है
- RBC लाल रक्त कणिकाएं [Red blood cells]
- WBC श्वेत रक्त कणिकाएं [white blood cells]
- प्लाज्मा [plasma] , [platelets ]
1 :- खून को जीवन का मूल आधार भी कहा जाता है। एक सामान्य व्यक्ति में खून की मात्रा 3 -4 लीटर होती है।
2 :- हमारे खून में rbc की मात्रा अधिक होती है.यह प्रोटीन का ही एक रूप होता है।ऐसा बताया जाता है लगभग 600 rbc में 1 wbc होती है।
3:- wbc हमारे शरीर में रोगो से लड़ने का काम करती है। जब भी हमारे शरीर में कोई रोग हावी होता है तो उसका कारण होता है wbc का कमजोर हो जाना।
प्लाज्मा [plasma ]
प्लाज्मा हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण द्रव होता है। प्लाज्मा ज्यादातर water और salt का बना होता है। जो व्यक्ति रोज लेता है।
यह एक पीले रंग का गाड़ा द्रव होता है। इसमें प्रोटीन ,ऐंटीबॉयोडीज़ ,फब्रिनोजन ,वसा ,कार्बोहाइड्रेड ,आदि होते है। हमारे शरीर में 55 %भाग प्लाजमा का होता है। इसे नाइट्रोजन एवं यूरिक एसिड के नाम से भी जाना जाता है। खून को ज़माने एवं गाड़े करने का काम भी प्लाज्मा द्वारा किया जाता है।
अभी एक न्यूज़ भी आई की कोरोना के जो मरीज ठीक हो चुके है उनका प्लाज्मा लिया जआगा और दूसरे मरीजो में ट्रांसफर किया जयगा ताकि उनके प्लाज्मा से दूसरे मरीज भी ठीक हो सके। प्लाज्मा wbc को काफी हद तक मजबूत कर देता है।
खून प्लाज्मा और रक्त कणिकाओं [wbc ,rbc ] के मिश्रण से बनता है। हमारे शरीर में स्थित spleen के जरिए नया खून बनाता है और खराब खून को टॉयलेट एवं पसीने के द्वारा बहार कर दिया जाता है|
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